इन 3 राशियों में साढ़े साती शनि का गोचर, गुप्त नवरात्र में यहां के मंदिर में हो रहा विशेष पूजा
इस साल माघ गुप्त नवरात्र रवियोग और सर्वार्थ सिद्धी योग में मनाया जाएगा। 10 फरवरी से गुप्त नवरात्र शुरू हो रहा है। पंचमी महोत्सव 14 फरवरी को मनाया जाएगा। 18 फरवरी को महानवमीं पर हवन-पूजन के साथ ही नौ कन्या भोज का आयोजन होगा। घड़ी चौक स्थित श्रीसिद्धेश्वर शनिदेव मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी गुप्त नवरात्र के लिए विशेष तैयारी की गई है।
श्रीसिद्धेश्वर शनिदेव मंदिर के पुजारी पंडित मदनलाल मुरलीधर शर्मा, पंडित दीपक शर्मा ने बताया कि इस वर्ष तुला एवं वृश्चिक राशि में अढैया शनि, मेष में गुप्त अढैया शनि, मकर राशि में साढ़े साती शनि (अंतिम चरण), कुंभ राशि में साढ़े साति शनि (द्वितीय चरण) और मीन राशि में साढ़े साती शनि (प्रथम चरण) में गोचर कर रहा है।
शनि देव को न्याय का देवता कहा गया है। यह व्यक्ति के कर्म के अनुसार अच्छे और बुरे फल प्रदान करता है। शनि, राहु और केतू की शांति के लिए मंदिर में इस साल धमतरी जिले के अलावा, रायपुर, बिलासपुर, महाराष्ट्र, उड़ीसा सहित अन्य राज्यों से भी श्रद्धालुओं ने 151 ज्योति जलाने के लिए पंजीयन कराया है। इन ग्रहों की शांति होने से जीवन में खुशहाली, व्यापार में बढ़ोत्तरी के साथ ही व्यक्ति को सफलता मिलती है।
विप्र विद्ववत परिषद के मीडिया प्रभारी पंडित राजकुमार तिवारी, कमलेश शास्त्री ने बताया कि एक वर्ष में चार नवरात्र होते हैं। इसमें दो गुप्त नवरात्र भी आते हैं। 10 फरवरी से शुरू हो रहा नवरात्र माघ गुप्त नवरात्र है। चैत्र और क्वांर नवरात्र के बारे में सभी लोगों को जानकारी है। इन दोनों नवरात्रों में मां दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों की पूजा का विधान है।
जबकि गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा के दस महाविद्या, जिसमें मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा का विधान है।
यह पूजा विशेष सिद्धी और कार्य सफलता के लिए गुप्त रूप से किया जाता है। विंध्यवासनी मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में भी गुप्त नवरात्र में श्रीदुर्गा सप्तशती सहित चंडी पाठ किया जाएगा। विध्यवासिनी माता का अलग-अलग श्रृंगार होगा।
उमरगांव में सतचंडी यज्ञ आज से प्रारंभ
अष्टभुजी दुर्गा मंदिर उमरगांव के यज्ञाचार्य द्वारिका प्रसाद पांडे, राजू पांडे ने बताया कि गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व होता है। मंदिर में प्रत्येक गुप्त नवरात्र में विशेष आयोजन होता है। इस साल भी सर्व दोष निवारण के लिए सतचंडी महायज्ञ का आयोजन हो रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रथम दिवस 10 फरवरी को देव आह्वान, वेदी पूजन, घट स्थापना, दिव्य दस महाविद्याओं का आह्वान के साथ ही सर्व बाधा निवारण के लिए माता महाकाली की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। इसी तरह प्रत्येक दिन अलग-अलग महाविद्यायों की पूजा होगी। अंतिम दिन हवन-पूजन के साथ महाभंडारा का आयोजन होगा।