विदेश में पढ़ाई के लिए UGC अब डिग्री की जांच के बाद ही देगा मान्यता

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अब विदेश से उच्च शिक्षा हासिल कर आने वाले छात्र-छात्राओं की डिग्री को जांच के बाद ही मान्यता देगा। इसके लिए आयोग की ओर से एक पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाएगी। इसके लिए आयोग ने नए निर्देश जारी किए हैं।
यूजीसी (विदेशी शैक्षणिक संस्थानों से प्राप्त योग्यताओं को मान्यता और समतुल्यता) विनियम, 2025 के तहत जारी निर्देशों के मुताबिक यूजीसी की विशेषज्ञ समिति विदेश से ग्रेजुएट (यूजी), पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) आदि के पढ़ाई करके आने वाले छात्रों की डिग्री व पाठ्यक्रम की तय मानकों के आधार पर जांच करेगी। आयोग का कहना है कि नए नियमों के बाद विदेशों में अध्ययन करने वाले छात्रों की डिग्रियों को जल्द मान्यता मिल सकेगी।
ऑनलाइन पोर्टल बनेगा: नई व्यवस्था के तहत यूजीसी की ओर से ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाएगा। इस पर विदेश से पढ़ाई करने वाले छात्रों को डिग्री, पाठ्यक्रम व विषयों के बारे में ब्योरा अपलोड करना होगा। समिति इसकी जांच करेगी । समिति को 10 कार्यदिवस में अपनी सिफारिश जारी करनी होगी और 15 दिन में अंतिम निर्णय बताना होगा।
दस्तावेजों में कमी मिलने पर संबंधित छात्र को दस्तावेज मुहैया कराने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा। समिति डिग्री की न्यूनतम अवधि, मुख्य विषय, वैकल्पिक विषय, प्रयोगशाला कार्य, पढ़ाई के घंटे, स्वयं अध्ययन और अनुभवात्मक शिक्षा जैसे तथ्यों की जांच करेगी। इसके साथ थीसिस, प्रोजेक्ट या इंटर्नशिप जैसी मूल्यांकन प्रक्रियाओं को भी देखा जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो पोर्टल के माध्यम से समकक्षता प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
ये भी होंगी शर्तें
- विदेशी संस्थान अपने देश में मान्यता प्राप्त होना चाहिए।
- छात्र ने उस डिग्री के लिए पूरा कोर्स किया हो।
- कोर्स में दाखिले की शर्तें भारत में समान कोर्स की शर्तों जैसी होनी चाहिए।
इन्हें रखा बाहर
नए नियमों से नर्सिंग, मेडिकल, लॉ, फॉर्मेसी, आर्किटेक्चर समेत 14 प्रोग्राम की डिग्री और पाठ्यक्रम को इससे बाहर रखा गया है। ये नियम देश के वैधानिक नियामक परिषदों के अधिकार में आने वाले क्षेत्रों में प्रदान की जाने वाली व्यावसायिक डिग्री पर भी लागू नहीं होंगे।
चुनौतियों का होगा समाधान
यह सुधार दीर्घकालिक चुनौतियों को समाधान करेंगे। यह भारत को शिक्षा के वैश्विक केंद्र में बदलने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य के अनुरूप है। भारतीय संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करना है, तो हमें विदेशी डिग्रियों की निष्पक्ष व समय पर मान्यता सुनिश्चित करनी होगी। -एम.जगदीश कुमार, चेयरमैन, यूजीसी