Ujjwala Yojana पर बड़ा अपडेट: इन महिलाओं को नहीं मिलेगी मुफ्त गैस सिलेंडर, जानिए क्यों…
Chhattisgarh News: प्रधानमंत्री उज्जवला योजना फेस 2.0 के तहत प्रदेश में 75 लाख नए कनेक्शन बांटने का लक्ष्य मिला था। आचार संहिता लगने से पहले ही यह लक्ष्य पूरा हो गया है। ऐसे में अब पोर्टल बंद कर दिया गया है। यानी लक्ष्य के अनुरूप हितग्राही चयनित हो चुके हैं और उन्हें ही मुफ्त कनेक्शन बांटा जा रहा है। जांजगीर-चांपा जिले की बात करें उज्जवला कनेक्शन बांटने में प्रदेश में सबसे आगे है।
10 हजार टारगेट के विरुद्ध अब तक जिले में 18994 हितग्राहियों को योजना का लाभ दिलाया जा चुका है। चूंकि फेस 0.2 के तहत प्रदेश को 75 लाख ही नए कनेक्शन बांटने का लक्ष्य मिला था। ऐसे में अब नए हितग्रहियों को फिलहाल मुफ्त में गैस कनेक्शन नहीं मिल पाएगा। इसके लिए उन्हें लोकसभा चुनाव होने तक इंतजार करना पड़ेगा।
यही वजह है कि अब ऑनलाइन नए आवेदन लेने भी बंद हो चुके हैं। हालांकि ऑफलाइन आवेदन अभी भी गैस एजेंसियों में लिए जा रहे हैं लेकिन पोर्टल में एंट्री नहीं की जा रही है। जिला खाद्य अधिकारी कौशल साहू ने बताया कि जांजगीर-चांपा जिले को 10 हजार मुफ्त कनेक्शन वितरण का लक्ष्य मिला था जिसके विरूद्ध अब तक 18 हजार से ज्यादा हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। उज्जवला का लाभ दिलाने में जिले की स्थिति सबसे बेहतर है।
100 रुपए कीमत कम, ₹ 525 का पड़ेगा सिलेंडर
Pradhan Mantri Ujjwala Yojana 2024: प्रधानमंत्री के द्वारा विगत 8 मार्च को अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं को गैस सिलेंडर की कीमत में 100 रुपए छूट उपहार के रूप में दी है। वर्तमान में जांजगीर शहर में घरेलु एलपीजी सिलेंडर 892 रुपए पड़ रहा है। उज्जवला के हितग्राहियों को सब्सिडी के रूप में 367 रुपए मिल रहे हैं। इस तरह 525 रुपए ही सिलेंडर की कीमत पड़ रही है।
इसे हितग्राही यही मान रहे हैं कि सरकार ने 500 रुपए में सिलेंडर देन की घोषणा की थी जिसे 100 रुपए कीमत घटाकर पूरा किया गया है। हालांकि सामान्य एलपीजी गैस कनेक्शनधारियों को 67 रुपए ही सब्सिडी आएगी। ऐसे में उन्हें सिलेंडर 825 रुपए ही पड़ रहे हैं।
6 हजार से ज्यादा फार्म हुए रिजेक्ट
योजना के तहत केवल गरीब परिवारों को ही उज्जवला योजना का लाभ दिया जा रहा है। यदि बीपीएल परिवार के पास पहले से ही सामान्य एलपीजी कार्ड है तो उनमें से संबंधित परिवार के सदस्य का नाम जुड़ा है तो किसी दूसरे सदस्य को उज्जवला कनेक्शन नहीं मिलेगा। इसलिए बड़ी मात्रा में आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं।
साफ्टवेयर में आधार नंबर डालते ही पहले से परिवार में गैस कनेक्शन होने की जानकारी पकड़ में आ जा रही है। विकसित भारत शिविर, कैंपों व एजेंसियों में ही एक ही परिवार के तीन से चार लोगों ने आवेदन भरे हैं। नियमानुसार एक राशनकार्ड में ही एक ही उज्जवला कनेक्शन मिलेगा। उक्त राशनकार्ड के जरिए अगर सामान्य एलपीजी कनेक्शन जारी हुआ है तो हितग्राही अपात्र माने जाएंगे। यही वजह है कि 6 हजार से ज्यादा आवेदक अपात्र हो चुके हैं।