Vegetable Price: काजू की बराबरी कर रहा लहसून, सब्जियों के दामों में उछाल से बिगड़ा घर का बजट
मौसम की मार और प्रतिकूल जलवायु के चलते इस बार सर्दियों में सस्ता मिलने वाला सब्जियों के दाम लोगों के होश उड़ा रहे हैँ। सब्जियों के बढ़े दाम का सबसे ज्यादा असर मध्यमवर्गीय परिवार के बजट पर पड़ रहा है। पिछले छह महीनों से लाल टमाटर लोगों की जेब हल्की कर रहा है वहीं प्याज के बढ़ते दाम आम जनता की आंखों में पानी ला रहा है। जानकारों के मुताबिक सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी लगातार बारिश और फसलों के खराब होने से हो रहा है। अब तो सब्जियों में इस्तेमाल होने वाले प्याज, टमाटर और अदरक के बाद लहसून काजू के दाम की बराबरी कर रहा है।
सब्जियों के दामों में गिरावट के आसार कम
संजय बाजार के सब्जी व्यवसायी कैलाश के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों तक सब्जियों के दाम इसी तरह रहेंगे। सब्जी बाजार में पिछले छह महीने से टमाटर 40 रूपए प्रति किलो के आसपास है जो बीच में 80 रुपये किलो तक पहुंच गया था। वहीं अच्छी गोभी 100 रुपए किलो में बिक रहा है। स्थानीय उत्पादन कम होने से सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में इसके दाम कम होने के आसार नहीं है ऐसे में लोगों को हरी सब्जियां महंगी कीमत पर ही खरीदनी पड़ेंगी।
लहसून के दाम 400 रूपए पार
सब्जियों में उपयोग आने वाला लहसून इन दिनों लोगों के होश उड़ा रहा है। दो महीने पहले दो सौ रूपए किलों पर बिकने वाला लहसून अब 400 रूपए पार कर दिया है। इसके दामों में जिस तरह उछाल देखी जा रही है इससे लग रहा है कि बहुत जल्द ही यह काजू की बराबरी कर लेगा। व्यापारियों के मुताबिक कम उपज और सप्लाई कम होने की वजह से इसके कीमतों में उछाल आया है। गौरतलब है कि सब्जी बनाने के दौरान प्याज, लहसून और अदरक का उपयोग प्रमुख रूप से किया जाता है। अब इन सभी के दाम आसमान छू रहे हैं।
आम आदमी का बिगड़ा बजट
सब्जियों की बढ़ती कीमतों से मध्यम आय वर्ग की रसोई में असर पड़ा है। लगभग सभी तरह के सब्जियों की कीमत सिर चढ़ कर बोल रही है। रविवार को हरी सब्जियां लगभग दुगने दाम पर बिक रही है। गोभी, सेमी सौ रुपए के पार बिक रही है। इसके पीछे बाजार में लोकल सब्जियों का कम आवक बताया जा रहा है वहीं बाहर से आने वाले सब्जियों के दाम अधिक होना भी बड़ी वजह है।
आलू प्याज स्थिर
कभी गरीब आदमी की रसोई में सब्जी की कमी पूरा करने वाला आलू अब बीते जमाने की बात हो गई है। इसके दाम अब गरीबों की पहुंच से बाहर हो चुके हैं। पिछले कई महीनों से अपने तेवर दिखा रहा आलू 50 रूपए किलों और प्याज 60 रूपए किलो पर स्थिर हो गया है। नए स्टॉक आने तक इसके दाम के नीचे होने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रहा है। बस्तर के हाट बाजारों से लेकर श् इन दिनों लोकल सब्जियों की आवक नहीं के बराबर है।
सब्जी थोक फुटकर कीमत
(रू में ) (रू में )
गोभी 80 – 90 100 – 120 रू
मुनगा 40- 50 100 रूपए
बैगन 30 – 40 60 रूपए
सेमी 50-60 100 रूपए
टमाटर 20-30 40 रूपए
प्याज 40-50 60 रूपए
लहसून 300-350 400 रूपए
अदरक 140 200 रूपए
लौकी 15-20 30 रू प्रति नग