चुनावी घोषणा अब जल्द होंगी पूरी, विष्णु सरकार लेगी 2000 करोड़ का कर्ज
नया बजट पेश करने से पहले नई सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 2000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी में है। इसके लिए वित्त विभाग ने आरबीआई को डिमांड नोट भेज दिया है। इसके मुताबिक सरकार एक-एक हजार करोड़ की दो किस्तें, 8 और 9 वर्ष में वापसी योग्य शर्त पर लेने जा रही है। विष्णुदेव सरकार का यह पहला कर्ज होगा।
छत्तीसगढ़ के अलावा आठ अन्य राज्यों ने भी कुल 19200 करोड़ का कर्ज मांगा है। आरबीआई मंगलवार को ईकुबेर के जरिए लोन टेंडर खोलेगी। बता दें कि इस समय सरकार पर 91,533 करोड़ का कर्जभार है। यह राशि वर्ष 2019-20 के मुख्य बजट से भी अधिक है। इस वर्ष बजट का मुख्य आकार 90,910 करोड़ था।
भाजपा सरकार ने छोड़ा था 41,695 करोड़ का कुल कर्ज
वर्ष 2018 में 15 वर्ष के शासनकाल के बाद जब भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार को खजाना सौंपा था, तो राज्य पर 41,695 करोड़ का कुल कर्ज था। वहीं जब वर्ष 2023 में कांग्रेस ने भाजपा को खजाना सौंपा, तो यह कर्ज 91,533 करोड़ रूपए का हो गया। इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति के अनुदान के रूप में लिए गए 11725 करोड़ का कर्ज भी शामिल हैं। इस कर्ज का भुगतान केंद्र सरकार जीएसटी के शेष फंड से करेगी।
इस वजह से पड़ी कर्ज की जरूरत
राज्य सरकार आम जनता से जुड़ी कई योजनाएं संचालित कर रही है। इस वजह से सरकार की आय की तुलना में कर्ज बढ़ गया है।िस्थति यह है कि कर्ज का ब्याज पटाने में ही सरकार को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। वहीं भाजपा की नई सरकार ने भी मोदी की गारंटी के रूप में कई वादें किए है। इन्हें पूरा करने के लिए भी सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। बताया जाता है कि कर्ज की बड़ी रकम महतारी वंदन योजना को पूरी करने में होगी।
ऐसे समझे आय का गणित
राजस्व प्राप्ति-106001
स्वयं का राजस्व-56200
केंद्र से प्राप्तियां-49801
(नोट- वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान, राशि करोड़ में)
ऐसे समझे व्यय का गणित
कुल व्यय- 121500
राजस्व व्यय- 102501
पूंजीगत व्यय- 18660
ऋण एवं अग्रिम- 339
(नोट- वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान, राशि करोड़ों में)
छत्तीसगढ़ के पैसे ऐसे होते हैं खर्च
मद- भुगतान का प्रतिशत
सहायक अनुदान- 29.03
वेतन भुगतान-25.22
पूंजीगत व्यय-15.36
आर्थिक सहायता-8.17
ऋण पुनर्भुगतान-6.21
पेंशन-6.08
ब्याज भुगतान-5.69
अन्य-4.26