14 फरवरी तक जोरदार बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी, मौसम विभाग ने जारी किया अपडेट
मौसम में एकाएक बदलाव का असर कबीरधाम जिले के वनांचल क्षेत्रों में अधिक दिखाई दिया। रेंगाखार, चिल्फी और महाराजपुर, रामपुर क्षेत्रों में जमकर ओलावृष्टि हुई। इससे मौसम में एकाएक ठंडकता बढ़ गई। वहीं दूसरी ओर फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
कुछ वर्षों से देखने में आ रहा है कि मौसम का सिस्टम पूरी तरह से बदल चुका है। हर साल जिले के वनांचल क्षेत्रों में जमकर ओलावृष्टि होती है बर्फबारी की तरह। दो वर्ष तक पंडरिया इलाकों में ओलावृष्टि हुई तो अब बोड़ला ब्लॉक वनांचल में होती रही है।
रविवार की दोपहर को हुई जमकर हुए ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। लोहारा ब्लॉक के महाराजपुर, सलिहा, कारेसरा, हथलेवा, उड़िया, अचानकपुर, रामपुर, दनिया सहित 25 से 30 गांवों में जमकर ओलावृष्टि हुई है। इससे उद्यानिकी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि से पपीता के फलों में छेद हो चुके हैं। पत्ते पूरी तरह से गिर चुके हैं।
उद्यानिकी अधिकारियों के अनुसार अचानकपुर से रामपुर तक 70 से 80 एकड़ में लगे पपीते की फसल को अत्यधिक नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि से पपीता को चोट लगती है तो उससे दूध निकलने लगता है, जिसके कारण वह पूरी तरह से परिपक्त नहीं हो पाता वह सड़ने लगने लगता है। जो फसल फिलहाल है वह वहीं तक सही है आगे उसकी गुणवत्ता में सुधार नहीं होगी।
मतलब अब वह फसल खराब होने लगेंगे। इससे किसानों को लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान हो चुका है। इसके अलावा इसी क्षेत्र में बड़ी संख्या में टमाटर भी लगाए जाते हैं। ओलावृष्टि से पपीते के साथ ही अनुमानित करीब 25 से 30 एकड़ टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है।
फल और फूल भी छड़ गए
दूसरी ओर रेंगाखार से लेकर वनांचल क्षेत्र में लगे चने की फसल को ओलावृष्टि की मार पड़ी है। इससे चने की पूरी तरह से खराब हो गए, क्योंकि फूल और फल पूरी तरह से झड़ गए। चने के पौधे पूरी तरह से झुक चुके हैं जिसका फिर से खड़े हो पाना मुश्किल है। कुछ क्षेत्रों में गेंहू के फसल थे, जिसे काफी नुकसान पहुंचा है। इससे किसानों को लाखों रुपए की क्षति पहुंच चुकी है।
गरज चमक के साथ बारिश
रविवार की सुबह से ही मौसम में एकाएक बदलाव दिखाई दिया। आसमान पर बादल छाए रहे, जो दोपहर को जमकर बरस गए। कवर्धा में करीब 15 मिनट तक बूंदाबांदी फिर गरज चमक के साथ जोरदार बारिश हुई। वनांचल क्षेत्र में जमकर ओलावृष्टि हुई। यह ओलावृष्टि बोड़ला और सहसपुर लोहारा क्षेत्र में हुए।
मुख्य रुप से वनांचल क्षेत्र रेंगाखार जंगल और चिल्फी क्षेत्र में दोपहर 2.30 बजे के आसपास जमकर ओले बरसे। वहीं मैदानी क्षेत्र बरबसपुर और बाचार चारभाठा क्षेत्र में भी ओलावृष्टि हुई। घर के आंगन से लेकर सड़क तक बर्फ के गोले बिछाई दिए। लोगाें ने आंगन से ओले एकत्रित भी किए। बच्चों ने इस बर्फ के टूकड़े से खूब खेले।
एक-दो दिन और बारिश की संभावना
बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी युक्त हवाओं के थमने के बाद अब हवा की दिशा बदलने के साथ पूर्वी होते ही मौसम में बदलाव आया गया है। मौसम विज्ञानी एचपी चन्द्रा ने पूर्व में ही चेतावनी दे दी कि दक्षिण छत्तीसगढ़ में 11 फरवरी से हवा की दिशा में परिवर्तन होने की संभावना है जिसके कारण प्रदेश में न्यूनतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है। साथ ही अधिकतम तापमान में वृद्धि संभावित है। वहीं 11-13 फरवरी तक दक्षिण छत्तीसगढ़ और 12-14 फरवरी तक उत्तर छत्तीसगढ़ में वर्षा की सम्भावना है। मौसम विभाग ने 23 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है।
आद्रर्ता घुल गई
वहीं दूसरी ओर कवर्धा ब्लॉक में जोरदार बारिश हुई। ओलावृष्टि और बारिश से वातावरण में 27 प्रतिशत आर्र्दता घुल गई, जिसके कारण शाम होते-होते ठंडकता बढ़ गई। अधिकतम तापमान में भी दो डिग्री तक गिरावट दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 31 से लुढ़ककर 29 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा, जबकि न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस पर रहा।