नैना अश्क ना हो…देश की रक्षा के लिए बुलाया तो सब छोड़ सरहद पर चल दिए

सेना में होना आसान नहीं। सोचिए, उस मां पर क्या गुजरती है जब वो अपने जिगर के टुकड़े को देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर भेज रही होती है। उस दुल्हन के बारे में भी सोचिए, जिसके हाथों की मेहंदी का रंग भी नहीं उतरा और अपनी मांग के सिंदूर को भारत मां की रक्षा के लिए विदा करना पड़े। ऐसी स्थिति में आंखें नम हो जाती हैं। देश की सीमा पर जैसे ही संघर्ष तेज हुआ तो कई युवा सैनिक सब कुछ छोड़कर देश की रक्षा के लिए सीमा की ओर लौट गए।

शादी के तीन दिन बाद भेजा सिंदूर

जलगांव जिले के पाचोरा तहसील के खेड़गांव नंदिचे गांव के निवासी मनोज ज्ञानेश्वर पाटिल की शादी 5 मई को यामिनी से हुई थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर संघर्ष के बीच मनोज को ड्यूटी पर लौटने के आदेश मिले हैं। मनोज के माता-पिता और पत्नी ने बिना कुछ सोचे-समझे उन्हें सरहद के लिए विदा कर दिया। रेलवे स्टेशन पर उनकी नई-नवेली पत्नी की आंखों में आंसू थे। यामिनी ने कहा, देश की रक्षा के लिए अपना सिंदूर भेज रही हूं।

शादी के अगले दिन सीमा के लिए रवाना

बिहार के बक्सर जिले के नंदन गांव के त्यागी यादव की शादी 7 मई को हुई। शादी की खुशियां थमी भी नहीं थी कि अगले दिन 8 मई को ड्यूटी पर लौटने का आदेश आ गया। वे नई नवेली दुल्हन को छोड़कर देश की रक्षा के लिए रवाना हो गए। त्यागी यादव ने बताया कि उन्होंने शादी के लिए खासतौर पर छुट्टी ली थी, लेकिन देश की सुरक्षा का सवाल है तो उससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता। त्यागी के माता-पिता ने भी उसे आशीर्वाद देकर विदा किया।

फेरे से पहले बुलावा तो लौटा फौजी

मध्यप्रदेश में विदिशा जिले के गांव महोटी के रहने वाले सेना में जवान देवेंद्र सिंह मीणा शादी के लिए डेढ़ माह की छुट्टी लेकर घर आए थे, लेकिन सेना का बुलावा आते ही ड्यूटी पर लौट गए। उनकी 17 मई को लटेरी की मेघा से शादी तय थी। शादी के कार्ड बंट गए थे। इस बीच वे मुख्यालय से ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश के बाद देवेंद्र अंबाला रवाना हो गए। उनके पिता फूलसिंह मीणा ने कहा कि शादी के लिए नई तारीख तय की जाएगी।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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