सांप को मारने के बाद उसका सिर क्यों कूंचते हैं? इसके पीछे है ये वैज्ञानिक कारण
जीवों का मारना किसी भी तरह से सही नहीं होता. लेकिन कई बार लोग गुस्से में आकर या डर की वजह से ऐसा कदम उठा लेते हैं. खासतौर से सांप के साथ ऐसा सबसे ज्यादा होता है. गांव में अगर सांप किसी के घर में निकल गया तो लोग इस डर से उसकी जान ले लेते हैं, कि कहीं वह किसी को काट ना ले.
वहीं कई बार सांप द्वारा किसी को काट लेने की वजह से गुस्से में आकर लोग सांप की जान ले लेते हैं. खैर, हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आखिर सांप को मारने के बाद लोग उसका सिर क्यों कूंचते हैं. क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है या फिर अंधविश्वास की वजह से लोग ऐसा करते हैं.
क्या है इसके पीछे की वजब
साइंस फैक्ट की एक रिपोर्ट में इस सवाल का जवाब छिपा है. दरअसल, सइंस फैक्ट अपने लेख में दावा करता है कि कुछ सांप ऐसे होते हैं, जो अगर मर भी जाएं तो उनका सिर लगभग एक घंटे तक जिंदा रहता है. यानी शरीर के निर्जीव होने के बाद भी सांप के सिर में जान बची रहती है और उस दौरान वह किसी को भी अपना निशाना बना सकता है.
यही वजह होती है कि लोग सांप को मारने के बाद उसके सिर को या तो कूंच देते हैं या फिर मिट्टी में दबा देते हैं, ताकि गलती से भी किसी का पैर उसके सिर पर ना पड़े और वो सांप का शिकार होने से बच जाए.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
अमेरिका की मिसूरी साउदर्न स्टेट यूनिवर्सिटी (Missouri Southern State University) के प्रोफेसर डेविड पेनिंग इस मामले में साइंस फैक्ट को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहते हैं कि सांप को अपने शरीर के आंतरिक तापमान को बराबर रखने की जरूरत नहीं पड़ती. यही वजह है कि उसे ऑक्सीजन के लिए उतनी ऊर्जा की आवश्यक्ता भी नहीं पड़ती.
प्रोफेसर डेविड पेनिंग आगे कहते हैं कि अगर आप किसी भी स्तनपायी जीव का सिर काट दें तो उसकी कुछ ही सेकंड में मौत हो जाएगी. हालांकि, सांपों के साथ ऐसा नहीं होता. दरअसल, सांपों को अपने दिमाग को जीवित रखने के लिए उतने ऑक्सीजन की आवश्यक्ता नहीं पड़ती, यही वजह है कि सिर कटने के बाद भी सांप के सिर में लगभग एक घंटे तर जान बाकी रहती है. दुनिया भर में फिलहाल 3700 सांपों की प्रजातियां पाई जाती हैं, इसमें से करीब 600 जहरीले होते हैं.