Woman Crime: महिलाओं के खिलाफ न घरेलू हिंसा थमी, न दहेज के मामले घटे, देखें रिपोर्ट
एनआरआई विवाहों में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना के मामलों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सरकार के एनआरआई सेल को 2022 में महिलाओं से 481 शिकायतें मिलीं। इनमें घरेलू हिंसा, ससुराल वालों की ओर से पासपोर्ट जब्त करने, दहेज की मांग और बच्चों की कस्टडी के विवाद शामिल थे। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से मार्च 2022 के बीच महिलाओं की 109 शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि 372 शिकायतें अप्रैल से दिसंबर के बीच मिलीं।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत और विदेश, दोनों जगह महिलाओं के एनआरआई विवाह से संबंधित मामले संभालने वाले एनआरआई सेल को पति के लापता होने और विदेश में महिलाओं के पति से मिलने में असमर्थ होने की शिकायतें भी मिलीं। कई शिकायतों में एनआरआई विवाहों के मामले सुलझाने के लिए सरकारी विभागों के बीच सहयोग का आग्रह किया गया। राष्ट्रीय महिला आयोग ने मुद्दों को हल करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालयों के साथ समन्वय किया।
आयोग ने 2022 में एनआरआइ से जुड़े वैवाहिक विवादों के समाधान में तेजी के लिए संबंधित अधिकारियों को करीब 3,500 पत्र जारी किए। आयोग ने नौकरशाही प्रयासों से परे शिकायतकर्ता महिलाओं को सामाजिक और कानूनी परामर्श दिया। नियमित टेलीफोनिक परामर्श सत्रों के अलावा साल के दौरान करीब 45 शिकायतों का निपटारा किया गया। पक्षों के बीच मध्यस्थता के लिए 20 मामलों में सुनवाई की गई।
शिकायतें हल करने के लिए कई सिफारिशें
रिपोर्ट में विदेश में बसे भारतीय नागरिकों से विवाहित भारतीय महिलाओं के समक्ष आने वाली कानूनी और विनियामक चुनौतियों की पहचान के साथ उनकी शिकायतों के निवारण के लिए कई सिफारिशें की गई हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इन सिफारिशों के आधार पर एनआरआइ विवाह विवादों को निपटाने के लिए संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की एकीकृत नोडल एजेंसी की स्थापना की गई।
रिपोर्ट में एनआरआई विवाहों में हिंसा या विवादों का सामना करने वाली महिलाओं की और ज्यादा मदद के लिए महिला एवं बाल विकास योजनाओं के आधार पर विदेशों में भारतीय राजनयिक मिशनों (आईडीएम) में वन स्टॉप सेंटर व हेल्पलाइन स्थापित करने की योजना की रूपरेखा पेश की गई।
2विदेश मंत्रालय ने यूएई, बहरीन, कतर, कुवैत, ओमान, सऊदी अरब, सिंगापुर व कनाडा समेत नौ देशों में 10 आईडीएम की पहचान की, जहां ऐसी सुविधाओं को भारतीय महिलाओं की संख्या के आधार पर जरूरी माना।
3एनआरआई वैवाहिक विवादों में सीमा पार के नियमों के कारण परित्याग, हिंसा और कानूनी मुद्दे शामिल होते हैं। इनके समाधान के लिए सरकार ने विशेषज्ञ समिति का गठन किया।