Woman Pride: हाउस हेल्पर के बच्चों को पढ़ाने से मिली दिशा, अब सशक्त बना रहीं समाज

कहते हैं न कि अगर आपमें समाज के लिए कुछ करने का जज्बा हो, तो आपके लिए रास्ते अपने आप बन जाते हैं। कोई न कोई ऐसा मिल ही जाता है, जिसकी मदद कर आप अपनी समाज सेवा शुरू कर सकते हैं। ऐसे ही समाज के लिए कुछ करने की शुरुआत की भोपाल की दिव्या अत्री ने। आज से करीब 17 साल पहले उनके घर में काम करने वाली आंटी के बच्चों को घर पढ़ाना शुरू किया।

उन्हें फ्री शिक्षा देने से शुरू हुआ उनका काम आज तक जारी है और बच्चों की शिक्षा, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, पर्यावरण और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर लगातार काम कर समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रही हैं। दिव्या कहती हैं कि उनकी सोच यही है कि अगर हम इतने सक्षम हैं कि समाज के लिए कुछ कर पाएं, तो जरूर करना चाहिए। इससे समाज को एक नई दिशा मिलेगी और हमारा समाज बदलता चला जाएगा।

दिव्या ने बताया कि वह एक टीम के साथ जुड़कर भोपाल के सौंदर्यीकरण, स्वच्छता और पर्यावरण को लेकर काम कर रही हैं। उनकी एक स्वच्छता किटी भी है, जिसके तहत वह और किटी से जुड़े साथी शहर के सौंदर्यीकरण के लिए काम कर रहे हैं। इसके तहत अभी तक करीब 100 गारबेज पॉइंट का सौंदर्यीकरण कर चुके हैं। अब ये सब जगह सेल्फी पॉइंट बन गए हैं।

दिव्या कहती हैं कि जब उन्होंने एक महिला की मदद कर उसे आत्मनिर्भर बनाया तो उन्हें महसूस हुआ कि ऐसी बहुत सी महिलाएं होंगी, जो कुछ करना चाहती हैं। इसी उद्देश्य से वर्ष 2014 में उन्होंने विजन डेवलपमेंट फॉर वुमन्स वेलफेयर नीड सोसाइटी की स्थापना की, जिसके तहत महिलाओं के विकास के लिए काम किया जाता है। अब तक 100 से ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया एवं करीब 500 से ज्यादा बच्चों को शिक्षित भी कर चुके हैं।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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