जेल में सजा काट रही महिलाएं अब फुटबॉल से संवारेंगी जीवन

सिएरा लियोन. दक्षिण अफ्रीका फुटबॉल परिसंघ (सीएएफ) जेल में सजा काट रही महिला कैदियों के लिए रौशनी की एक नई किरण बनकर उभरा है। सीएएफ ने महाद्वीप के विभिन्न शहरों में जेल में सजा काट रही महिला कैदियों के लिए फुटबॉल कोचिंग कोर्स शुरू किया है, जिससे वे जेल से बाहर आने के बाद अपना जीवन यापन कर सकें।

सीएएफ का मकसद इन महिला कैदियों को पुनर्वास में मदद करना है। सीएएफ आठ दिवसीय कोर्स के बाद इन कैदियों को परिसंघ से मान्यता प्राप्त डी स्तर का लाइसेंस प्रदान करता है। इस लाइसेंस के जरिए ये महिलाएं जेल से रिहा होने के बाद फुटबॉल की कोचिंग देकर अपना जीवन यापन कर सकती हैं।

नई शुरुआत का मौका दिया

फ्रीस्टाउन में करीब चार साल जेल में बिताने के बाद मैरी (परिवर्तित नाम) को फुटबॉल ने एक नई शुरुआत करने का मौका दिया। मैरी ने बताया कि पिछले साल फुटबॉल फॉर रिफॉर्म में भाग लेने वाली 26 महिलाओं और पांच पुलिस अधिकारियों में वे भी शामिल थीं। मैरी ने कहा, यह योजना हमें जेल से बाहर निकलने के बाद सम्मान की जिंदगी जीने में मदद करेगी।

छोटे-मोटे अपराधों के लिए काट रहीं सजा

जोहानसन ने बताया कि मैंने वहां बहुत छोटी लड़कियों को देखा, जिनमें से कई की गोद में बच्चे थे तो कोई गर्भवती थी। उनमें से 90 फीसदी कैदी गरीबी या छोटे-मोटे अपराधों के कारण वहां थीं। उनका वहां रहने का कोई मतलब नहीं था। तब मैंने बदलाव करने की ठानी। इसमें फुटबॉल मेरे लिए सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ। फ्रीटाउन में पहला कोर्स शहर की एक एकेडमी में शुरू किया गया।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
Back to top button