नारी शक्ति: बुलंद हौसलों से राह… IMA में पहली बार कदम रखेंगी महिलाएं

नई दिल्ली. देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में पहली बार महिला अधिकारियों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) खड़गवासला में पहले से महिला अधिकारियों की ट्रेनिंग चल रही है। वहां जुलाई 2025 में पहला बैच ग्रैजुएट होने वाला है। इन महिला अधिकारियों को तीनों सेनाओं की ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग संस्थानों में भेजा जाएगा।

बुलंद हौसलो…

आईएमए भी महिला अधिकारियों के लिए दरवाजे खोलकर उन्हें प्रशिक्षण देने की तैयारी में जुट गया है। एक अधिकारी ने बताया कि आईएमए में महिला कैडेट्स के रहने के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी। महिलाओं और पुरुषों की ट्रेनिंग साथ ही कराई जाएगी। आईएमए के अधिकारियों ने तैयारी के लिए ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) चेन्नई, एयरफोर्स एकेडमी डुंडील और नेवल एकेडमी एझिमाला का दौरा किया। अधिकारी ने कहा कि जिस तरह 30 साल से ओटीए में महिला अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है, वैसी ही व्यवस्था आइएमए में भी की जाएगी। आर्मी ऑर्डनेंस कोर में 21 साल सेवाएं देने वाली लेफ्टिनेंट कर्नल अनु सिंह रंधावा (सेवानिवृत्त) ने कहा, मुझे कोई बाधा नहीं दिखती, क्योंकि सेना के अन्य संस्थान पहले से महिलाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। आईएमए में इसी तरह के प्रशिक्षण मानकों और प्रथाओं को अपनाया जाएगा। लिंग-विशिष्ट जरूरतों पर भी ध्यान दिया जाएगा।

फैसले ने बदली तस्वीर…

1अब तक आईएमए में महिलाओं की ट्रेनिंग नहीं होती थी। अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा था कि महिलाएं भी एनडीए की परीक्षा देकर सेना में अफसर बन सकती हैं।

2यूपीएससी हर साल एनडीए की परीक्षा करवाता है। 12वीं में पढ़ रहे या पास हो चुके स्टूडेंट परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इंटरव्यू और मेडिकल के बाद मेरिट लिस्ट बनती है।

3पहले तीन साल की ट्रेनिंग एनडीए में होती है। 1 साल सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण दिया जाता है। 145 महिलाओं को कर्नल बनाया जा चुका है।

एनडीए में 126 की चल रही है ट्रेनिंग

एनडीए में 126 महिला अफसरों की ट्रेनिंग हो रही है। इनमें से आठ महिलाओं ने थल सेना को विकल्प के तौर पर चुना है। इन अधिकारियों को आईएमए में एक साल की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद कमीशन हो जाएंगी।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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