स्वयं और समाज के लिए योग है बेहद जरूरी- जिलान्यायाधीश अब्दुल ज़ाहिद कुरैशी
दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज ज़िला न्यायालय परिसर में सभी न्यायाधीशगण, न्यायिक अधिकारीगण, कर्मचारीगण ने बड़े उत्साह तथा ऊर्जा के साथ शामिल हुए।सभी ने पद्मासन, ताड़ासन, हलासन, अर्धचक्रासन, वज्रासन, धनुरासन, नौकासन, पवन मुक्तासन, भुजंगासन, शवासन, कपाल भाती, अनुलोम-विलोम जैसे अन्य योग के आसनों से योगा ट्रेनर लक्ष्मण नायडू और नम्रता देवानी के द्वारा अवगत कराया गया।
जिला सत्र एवं न्यायाधीश महोदय अब्दुल ज़ाहिद कुरैशी ने कहा कि योग भारत की देन है और शरीर को स्वस्थ और तनाव मुक्त करने के लिए अब दुनिया भर में लोग योग का सहारा ले रहे हैं।योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।उन्होंने कहा अनेक देश में यह आयोजन हो रहा है। शरीर , मन, बुद्धि और आत्मा के निरोगी हुए बिना स्वस्थ जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती।योग मनुष्य को स्वस्थ बनाए रखने का कार्य करता है, योग से मानसिक व शारीरिक दोनों स्वस्थ रहते है।
कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश हेमंत सराफ सर ने सभी को योग दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की योग करने के बाद उत्साह और प्रेरणा स्वाभाविक रूप से आता है। हम सभी ने इसे अभी योग के पश्चात महसूस किया,हमें योग को अपने जीवन शैली में उतारना हैं। शरीर, तन और मन को स्वस्थ रखना चाहें तो, हम सब के लिए योगा अभ्यास जरूरी है। हम स्वस्थ्य रहना चाहतें हैं तो हमें प्रति दिन योगा अभ्यास करना चाहिए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश चौहान जी ने कहा कि योग से मन को शांति मिलती है।स्वास्थ्य ही संसार का सबसे बड़ा धन है। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की शपथ ली। योग दिवस के इस आयोजन ने जिले में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने और योग को जन-जन तक पहुँचाने का सफल प्रयास किया।उक्त कार्यक्रम में माननीय न्यायाधीशगण,कर्मचारीगण,
न्यायिक अधिकारीगण , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण ,पैरालीगल वालंटियर्स,विधि छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया।