शहर के आत्मानंद स्कूलों की हालत देख पकड़ लेंगे सिर, जर्जर बिल्डिंग और गर्ल्स टॉयलेट में ऐसी गंदगी कि..

राजधानी में आज भी ऐसे कई स्कूल हैं जहां बच्चे जर्जर बिल्डिंग में पढ़ने को मजबूर हैं। पिछले 6 सालों में समग्र शिक्षा के तहत 6 करोड़ 57 लाख 99 हजार के काम स्वीकृत हुए हैं इसके बावजूद स्कूलों में मरम्मत कार्य अधूरे हैं। कई स्कूल बिल्डिंग में दरारें हैं लेकिन पेंट लगाकर उसे छिपा दिया गया है। वहीं आत्मानंद स्कूलों को नए तरीके से संवारा गया है लेकिन यहां भी स्थिति भी काफी दयनीय है।

साफ सफाई की व्यवस्था तो छोड़ दीजिए टॉयलेट में डस्टबिन भी नहीं है। आत्मानंद स्कूल में दो शिफ्ट में क्लासेस चलती है दूसरे शिफ्ट में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों से जब इसपर चर्चा की गई तो उन्हें साफ कहा कि इसे दिखवाते हैं यानी की उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं है।

वाशरूम में मजबूरी में जाती हैं छात्राएं

आत्मानंद स्कूल लालपुर में प्रवेश करते ही साफ-सफाई की कमी और अव्यवस्था साफ दिखाई देती है। टॉयलेट की स्थिति दयनीय है, न साफ सफाई होती है। गर्ल्स टॉयलेट में तो सेनेटरी पैड मशीन ही टूटी हुई है। डस्टबिन नहीं होने से जमीन पर पैड पड़े रहते हैं। इतनी गंदगी है कि छात्राएं वाशरूम जाना भी पसंद नहीं करती हैं, मजबूरी में उन्हें जाना पड़ता है। यहां सुबह इंग्लिश और दोपहर को हिन्दी मीडियम की क्लास लगती है। इसमें ज्यादा अव्यवस्था दोपहर वाले शिफ्ट में देखने को मिलती है। ऐसी ही स्थिति कई आत्मानंद स्कूलों की है।

केस 1: शासकीय प्राथमिक शाला चंगोराभाठा

स्कूल में प्रवेश करते ही सामने की बिल्डिंग कई सालों से जर्जर अवस्था में ही है। दीवारों में दरार आ गई है जिसके ऊपर पेंट कर दिया गया है। दो क्लास रूम की स्थिति ऐसी ही है।

केस 2 : शासकीय प्राथमिक शाला कुशालपुर

शाला में अंदर जाते ही सामने की पुरानी बिल्डिंग जर्जर हो गई है। दीवार में दरार आने के साथ ही छत भी उखड़ रही है। खिड़की भी टूटी हुई है।

समस्या का समाधान जल्द

डीईओ विजय खंडेलवाल ने कहा कि स्कूलों की मरम्मत के लिए जो भी प्रस्ताव आते हैं उनपर लगातार काम हो रहे हैं। आत्मानंद स्कूलों की अव्यवस्था को मैं जल्द ही दिखवाता हूं। समस्या का समाधान जल्द कर लिया जाएगा।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
Back to top button