Lok Sabha Election 2024: इस सीट पर आज तक चुनाव जीत नहीं पाई कांग्रेस, हार का ये रिकॉर्ड देख राहुल गांधी पकड़ लेंगे सिर
जांजगीर-चांपा लोकसभा 2024 की चुनावी बिसात बिछ चुकी है। उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अभी नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। इसलिए कितने उम्मीदवार चुनाव मैदान होंगे, स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि मुख्य मुकाबला तो भाजपा और कांग्रेस के बीच में ही होना तय माना जा रहा है। यहां 7 मई को वोट डाले जाएंगे। समय कम होने के कारण उम्मीदवारों ने प्रचार तेज कर दिया है।
कार्यकर्ता अलग-अलग समूह में बंटकर मतदाताओं से संपर्क पर फोकस कर रहे है। समाज प्रमुखों व गांव के प्रभावशाली लोगों से मिलकर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में लगे है। जांजगीर-चांपा लोकसभा में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। जिसमें जांजगीर-चांपा व सक्ती जिले के 6 विधानसीट आते हैं। बाकी दो कसडोल बलौदाबाजार व बिलाईगढ़ सारंगढ़ जिले में आते हैं। जांजगीर-चांपा व सक्ती जिले के 6 विधानसभा सीट में कांग्रेस के ही विधायक हैं।
विधानसभा में कांग्रेस विधायक हैं वहां की कमान वे संभाले हुए है। भाजपा प्रत्याशी भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मोदी की गारंटी को लेकर मतदाताओं के पास जा रहे हैं। जोर-शोर से अपने विधानसभा सीट के लिए प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट कांग्रेस को नसीब नहीं हुई। कांग्रेस ने इस बार पूर्व मंत्री शिव डहरिया को प्रत्याशी बनाया है। साथ ही भाजपा से नए चेहरा जो मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ रही हैं।
भाजपा-कांग्रेस मेें ही टक्कर
1957 से अब तक यहां कुल 17 बार आम चुनाव हो चुके हैं। 1999 तक यह लोकसभा सीट मध्यप्रदेश के अंतर्गत आती थी, लेकिन 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से अब तक यहां चार बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर रही। इस बार भी मुख्य मुकाबला दोनों के बीच है। बीते दो लोकसभा चुनाव में बसपा की जमानत जब्त हो गई थी। इस कारण अभी भी उसकी स्थिति डगमग नजर आ रही है। क्योंकि पुरानी खाई को पाटने में ही बसपा को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
1 वर्ष 2004 में भाजपा ने करूणा शुक्ला को मैदान में उतारा, जिसमें वे विजयी रही। उन्होंने कांग्रेस के डॉ. चरणदास महंत को पराजित किया।
2 वर्ष 2009 में यह सीट परिसीमन के चलते अजा वर्ग के लिए आरक्षित हो गया, तब भाजपा ने यहां से कमला देवी पाटले को मैदान में उतारा और उन्होंने कांग्रेस के डॉ. शिवकुमार डहरिया को पराजित किया।
3वर्ष 2014 में पार्टी ने दूसरी बार कमला देवी पाटले पर भरोसा जताया और दूसरी बार भी वे विजयी रही। उन्होंने कांग्रेस के प्रेमचंद जायसी को डेढ़ लाख से अधिक मतों से परास्त किया।
4 वर्ष 2019 में भाजपा ने गुहाराम अजगल्ले पर भरोसा जताया। इसमें मोदी का जादू चला और उन्होंने कांग्रेस के रविशेखर भारद्वाज 82 हजार 368 मतों के अंतर से हरा दिया।
2019
गुहाराम अजगल्ले भाजपा 570129
रविशेखर भारद्वाज कांग्रेस 487761
2014
कमला पाटले भाजपा 518909
प्रेमचंद जायसी कांग्रेस 343948
2009
कमला देवी पाटले भाजपा 302142
शिवकुमार डहरिया कांग्रेस 214931
2004
करूणा शुक्ला भाजपा 303655
चरण दास महंत कांग्रेस 292326