टीम हॉकी इंडिया से एक कदम दूर बस्तर की बेटियां, जिज्ञासा और विशाखा ने रचा इतिहास
बस्तर की आदिवासी बेटियां इंडियन हॉकी टीम में सलेक्शन से बस एक कदम दूर हैं। बस्तर की जिज्ञासा कश्यप और विशाखा कश्यप ने अपनी मेहनत के दम इतिहास रच दिया है। कम संसाधनों के बीच मिट्टी में खेलकर दोनों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
जिज्ञासा और विशाखा ने हाल ही में नेशनल गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया जिसके बाद अब उनका सलेक्शन पुणे के कैंप के लिए हुआ है। इन्हें सब जूनियर वेस्ट जोन की टीम में जगह मिली है। दोनों अगर यहां अपना अच्छा प्रदर्शन कर लेती हैं तो हॉकी इंडिया की अंतरराष्ट्रीय टीम यानी इंडिया टीम का हिस्सा बनेंगी।
गुजरात में दिखाया टैलेंट, चयनकर्ता हुए प्रभावित
दरअसल हाल ही में दोनों ने हॉकी इंडिया की ओर से आयोजित सब जूनियर ओपन हॉकी प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की तरफ से खेलते हुए गुजरात के सूरत में चल रही प्रतियोगिता में अपना टैलेंट दिखाया था। यहां उनका खेल देखकर चयनकर्ता काफी प्रभावित हुए। प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर था। पहले नंबर पर मध्यप्रदेश और तीसरे पर महाराष्ट्र था। इस तरह छत्तीसगढ़ के हिस्से सिल्वर मेडल आया था। जिसमें बस्तर की दोनों आदिवासी बेटियों की अहम भूमिका थी।
एक डिफेंडर और दूसरी गोलकीपर
जिज्ञासा कश्यप डिफेंडर हैं तो विशाखा कश्यप गोलकीपर की भूमिका निभाती हैं। जिज्ञासा को टीम की दीवार और विशाखा को गोल रक्षक तक का टाइटल दिया गया है। कोच गजेंद्र शर्मा बताते हैं कि जिला प्रशासन और खेल व युवा कल्याण विभाग की ओर से संचालित बस्तर हॉकी प्रशिक्षण केंद्र पंडरीपानी में यह दोनों खिलाड़ी प्रशिक्षण हासिल कर रहीं है।
अब देश की टॉप 96 प्लेयर्स से करना है मुकाबला
बस्तर की दोनों खिलाड़ी की इंडिया की टॉप 96 खिलाड़ियों में शामिल हो गई हैं, लेकिन इनका आगे का रास्ता कम मुश्किल भरा नहीं है। अब उन्हें देश के ईस्ट, साउथ और नॉर्थ जोन की टीम का सामना करना पड़ेगा। अच्छा प्रदर्शन करने वालों को चयनकर्ता अपनी एक्सीलेंसी टीम में शामिल करेंगे। जो टॉप 30 रहती है। यह टॉप 30 खिलाड़ी दो साल तक अंतरराष्ट्रीय टीम के साथ रहती हैं और इंडिया कैंप में जरूरत के हिसाब से चयनकर्ता उन्हें खिलाते हैं।