Big Achievement: सस्ती-सरल… हाथ की एक्स-रे मशीन से होगी टीबी की जांच, जानिए कैसे
तपेदिक (टीबी) के खिलाफ लड़ाई में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वैज्ञानिकों ने टीबी की जांच के लिए नई तकनीक विकसित की है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से आईआईटी कानपुर ने हाथ में पकड़ी जाने वाली स्वदेशी एक्स-रे मशीन बनाई है। विदेशी एक्स-रे मशीन के मुकाबले इस पोर्टेबल मशीन से टीबी की जांच सस्ती भी होगी और सरल भी।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल का कहना है कि स्वदेशी मशीन की कीमत आयातित मशीन की तुलना में आधी से कम होगी। इससे मरीजों की घरों में भी जांच हो सकेगी। मशीन से टीबी का पता जल्दी लगाया जा सकेगा। इलाज भी जल्दी शुरू होगा। डॉ. बहल ने बताया कि भारत ने एमपॉक्स के लिए भी तीन टेस्टिंग किट बनाई हैं। तीन कंपनियां इनका निर्माण कर रही हैं।
हेल्थ सेक्टर में बड़ा बदलाव
हैल्थ सेक्टर में यह एक्स-रे मशीन बड़ा बदलाव ला सकती है। सरकार ने देश में टीबी को 2025 तक पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने में मशीन अहम भूमिका निभा सकती है। यह बैटरी से चलेगी। आइसीएमआर ने आईआईटी के वैज्ञानिकों को मशीन बनाने के लिए 2022 में 4.60 करोड़ रुपए दिए थे। दो साल बाद वैज्ञानिक आशानुरूप मशीन बनाने में कामयाब रहे।
वैश्विक मामलों में 28 फीसदी भारत के
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 2021 में दुनिया में टीबी के 1.06 करोड़ नए मामले सामने आए। इनमें 28% भारत के थे। भारत उन 8 देशों में शामिल है, जहां टीबी मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। 2021 में सामने आए मामलों में 9.2% इंडोनेशिया, 7.4% चीन, 7% फिलीपींस 5.8% पाकिस्तान, 4.4% नाइजीरिया, 3.6% बांग्लादेश और 2.9% कांगो गणराज्य के थे।