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बृहस्पति के चांद पर जीवन की तलाश करेंगे तैरने वाले रोबोट

वाशिंगटन. नासा के वैज्ञानिकों ने खास तरह के रोबोट तैयार किए हैं, जो बृहस्पति के चांद यूरोपा की बर्फीली सतह के नीचे तैरकर जीवन की संभावनाओं का पता लगाएंगे। यूरोपा की सतह के नीचे महासागर के संकेत मिलने के बाद नासा की जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी (जेपीएल) में 3 साल से इन रोबोट पर काम चल रहा था। जेपीएल ने रोबोट के प्रोटोटाइप के टेस्ट का वीडियो शेयर किया है।

इन रोबोट को ‘सेंसिंग विद इंडिपेंडेंट माइक्रो स्विमर्स’ (स्विम) नाम दिया है। इनका पूल में परीक्षण हो चुका है। रोबोट का आकार 16.5 इंच व वजन दो किलोग्राम होगा। नासा का प्लान दर्जनों रोबोट यूरोपा पर भेजने का है। ये पानी में तैरेंगे और महासागर के तापमान व रासायनिक संरचना का पता लगाएंगे। नासा का यूरोपा क्लिपर व यूरोपीय स्पेस एजेंसी का जूस मिशन इस दशक के अंत तक यूरोपा पर पहुंचाने की तैयारियां चल रही हैं।

इन रोबोट के साथ जीपीएस सिस्टम जुड़ा होगा। इससे उनकी गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। इसी से जरूरी संकेत और आंकड़े हासिल होंगे। जेपीएल एक दूसरे तरह के रोबोट पर भी काम कर रहा है। एआइ से लैस यह रोबोट समुद्री जीव ईल जैसा होगा, जो बिजली के झटके देने के लिए मशहूर है। इसे यूरोपा की मोटी सतह के छेदों में घुसने के लिए डिजाइन किया गया है।

आसान नहीं होगा डेटा हासिल करना

नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरोपा का डेटा हासिल करना आसान नहीं होगा। पहले महासागर से डेटा सतह पर लाना होगा। बाद में इसे किसी उपग्रह तक और वहां से पृथ्वी पर पहुंचाना होगा। महासागर से सतह तक संकेत पहुंचाना बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि प्रक्रिया का नियंत्रण पृथ्वी से नहीं किया जा सकेगा। प्रक्रिया पर दूर से तालमेल कैसे बैठाया जाएगा? नासा के वैज्ञानिकों में इस पर माथापच्ची चल रही है।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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